
Uttarakhand: विधानसभा चुनाव से पहले आज केंद्र सरकार ने अपना बजट पेश किया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश किया है। बताया जा रहा है इस बजट में सरकार ने युवाओं को साधने का काम किया है। जबकि व्यापारी वर्ग को इस बजट से निराशा हासिल हुई है।
व्यापारियों में फैली निराशा की लहर
आपको बता दे कि पिछले दो सालों से देश में कोरोना की लहर ने अच्छे से आतंक फैलाया। जिसके चलते जहां एक तरफ लोगों को तंगी का सामना करना पड़ा। तो कई लोगों को सामने रोजी रोटी का संकट गहराने लगा। वही आज बजट पेश हुआ। वही इस बजट से व्यापारी वर्ग ने पैकेज के रूप में बूस्टर डोज मिलने की उम्मीद जताई थी। लेकिन बजट आते ही उन लोगों में निराशा फैल गई। उनका कहना है कि महंगाई रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए।
गौरतलब है कि सरकार ने कपड़े, चप्पल, जूते, हीरे की ज्वेलरी, खेती के सामान, मोबाइल एवं मोबाइल चार्जर पर जरूर कुछ हद तक टैक्स में कमी करने की घोषणा की है, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। जबकि साथ ही पांच लाख प्लस आयकर श्रेणी में आयकर की दर को दस फीसदी तक किए जाने की संभावना थी, जो अभी 20 फीसदी है। लेकिन निराशा हाथ लगी है।