Gujrat Election 2022: शक्ति सिंह गोहिल बोले- गुजरात में केजरीवाल के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त होगी

प्रश्न: शक्ति सिंह गोहिल जी, भाजपा पूरे जोरशोर से गुजरात चुनावों की तैयारी में जुट गई है, जबकि कांग्रेस अभी चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत तक नहीं कर पाई है। कांग्रेस की चुनावी तैयारी सुस्त क्यों है?
उत्तर: आप मीडिया के लोगों का पूरा ध्यान कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा और अध्यक्ष पद के चुनाव पर है, इसलिए आपको लग रहा है कि कांग्रेस की चुनावी तैयारियां कमजोर हैं। लेकिन द्वारकापुरी में सम्मेलन के साथ पार्टी ने विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी थी। हाल ही में हमारे नेता राहुल गांधी जी अहमदाबाद जाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करके लौटे हैं। आप गुजरात आकर देखेंगे तो पता चलेगा कि पार्टी की गांव, ब्लॉक, जिला और प्रदेश स्तर पर चुनावी अभियान लगातार जारी है। हम पूरे दमखम से चुनाव लड़ेंगे और बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
प्रश्न: पिछले गुजरात विधानसभा चुनाव में बेहद आक्रामक चुनाव प्रचार करने वाले आपने नेता राहुल गांधी इस समय भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं। इस बार चुनाव प्रचार में वे कितना समय दे पाएंगे?
उत्तर: ‘भारत जोड़ो यात्रा’ देश ही नहीं, दुनिया के समकालीन इतिहास में सबसे बड़ी ऐसी यात्रा है, जिसमें किसी नेता ने जनता से संवाद स्थापित करने के लिए इतना लंबा सफर पैरों से चलकर पूरा किया हो। राहुल गांधी इसमें व्यस्त रहेंगे, इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन वे अपनी जिम्मेदारियों को बहुत अच्छे ढंग से समझते हैं। यात्रा के बीच-बीच में जिस दिन विराम रहेगा, उम्मीद करता हूं कि वे गुजरात पहुंचेंगे और चुनावी अभियान को आगे बढ़ाएंगे।
प्रश्न: अहमद पटेल जैसे नेताओं की अनुपस्थिति में आप मोदी-शाह जैसे बड़े चेहरों को कैसे टक्कर दे पाएंगे?
उत्तर: यदि भाजपा के पास मोदी और अमित शाह हैं, तो हमारे पास भी राहुल गांधी, सोनिया गांधी सहित तमाम बड़े नेता मौजूद हैं। राज्य स्तर पर भी कई प्रमुख नेता हैं जो लगातार मेहनत कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता चुनावी अभियान को आगे बढ़ाएंगे।
प्रश्न: अरविंद केजरीवाल इस बार गुजरात में बड़ी दावेदारी कर रहे हैं। वे गुजरात में भी फ्री बिजली और बेहतर शिक्षा की बात कर रहे हैं। अपने गृहराज्य में उन्हें आप कितनी बड़ी चुनौती के रूप में देख रहे हैं?
उत्तर: अरविंद केजरीवाल की पूरी राजनीति मीडिया में झूठे प्रचार के दम पर टिकी हुई है। यदि उनका झूठा प्रचार हटा दिया जाए तो उनके पास जनता को दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। शीला दीक्षित सरकार ने दिल्ली को एक सरप्लस बजट वाला राज्य बनाया था। लेकिन इसके बाद भी केजरीवाल यहां के लोगों को 200 यूनिट बिजली फ्री नहीं दे पा रहे हैं, चोर दरवाजे का इस्तेमाल करते हुए अब जनता से यह छूट वापस ली जा रही है। आखिर दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल का क्या बिगाड़ा है? वे यहां के लोगों को 300 यूनिट बिजली फ्री क्यों नहीं देते? गुजरात पर तो तीन लाख करोड़ रूपये का कर्ज है। कहां से देंगे मुफ्त बिजली?