
Uttarakhand: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 2 महीने तक विधानसभा यूकेएसएसएससी आयोग आदि नियुक्तियों में सोशल मीडिया पर शांत रहेंगे। जी हां रावत ने अपनी सोशल मीडिया पेज पर लिखा है कि अब वह महिला आरक्षण और राज्य आंदोलनकारी आरक्षण विधेयक जल्द पारित होने की दुआ करते हैं। इसके अलावा रावत ने सरकार से अनुरोध किया है कि उनके मुख्यमंत्री काल की सारी नियुक्ति की स्कूटनी की जाए.
पूर्व सीएम हरीश रावत का बयान
रावत ने कांग्रेस नेताओं को भी कहा है कि वह उनके कार्यकाल में भी यदि गड़बड़ी पाते हैं निर्भर तरीके से उसे उठाएं। सरकार से जांच की मांग करें। इससे लोग कांग्रेस की निष्पक्षता को भी जांचेंगे और मैं चाहता हूं कि हरीश रावत भले ही दोषी सिद्ध हो जाए। मगर कांग्रेसी नहीं है और यही निष्कर्ष जाना भी जाएंगे।
रावत की सरकार को सलाह
दरअसल, पूर्व सीएम हरीश रावत ने आज फिर धाराएं की विधानसभा में की गई जिन भी नियुक्तियों में नैतिक बल नहीं है उन पर कार्रवाई के लिए नीति बननी चाहिए विधानसभा अध्यक्ष और सीएम को लेकर नीति बनानी चाहिए इसमें नेता प्रतिपक्ष को भी शामिल किया जा सकता है।
वहीं, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के कार्यालय की भर्तियों के प्रति नरम रुख के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि बतौर रावत में किसी का बचाव नहीं कर रहा हूं। मैंने बहुत से स्पष्ट तौर पर कहा है कि जिस व्यक्ति में नैतिक बल नहीं । वह गलत है।