Himachal pradesh: रोजगार यात्रा के रास्ते सत्ता वापसी की कोशिश में कांग्रेस, क्या कायम रहेगा पहाड़ का ‘रिवाज’?

हिमाचल प्रदेश में अगले महीने विधानसभा चुनावों का एलान हो सकता है। इससे पहले सियासी दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सत्ताधारी भाजपा दावा कर रही है कि राज्य में इस बार ताज नहीं रिवाज बदलेगा। हर पांच साल पर सरकार बदलने का चलन बदलेगा और वह दोबारा वापसी करेगी।
वहीं, कांग्रेस सत्ता वापसी की कोशिशों में लगी है। पार्टी युवा रोजगार यात्रा निकाल रही है। इस यात्रा का एक चरण गुरुवार को संपन्न हुआ। यात्रा के संयोजक शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह हैं। विक्रमादित्य राज्य के छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे हैं। इस परिवार को शिमला और मंडी इलाके में प्रभाव माना जाता है।
इस यात्रा के सियासी मायने क्या हैं?
हिमाचल में नवंबर में चुनाव होने हैं। इस यात्रा के जरिए कांग्रेस अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश कर रही है। एक तरफ पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं, तो दूसरी तरफ शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह युवा रोजगार यात्रा निकाल रहे हैं।
कांग्रेस का कहना है कि राज्य में होने वाले चुनाव में बेरोजगारी बेहद अहम हैं। इस यात्रा के दौरान विक्रमादित्य कई पिछड़े इलाकों से भी गुजरे। इस दौरान उन्होंने नौकरी से लेकर पर्यटन व्यवसाय और परिवहन ऑपरेटरों तक के मुद्दों पर बात की। हालांकि, यात्रा शुरू होने से पहले ही यह विवादों में भी घिर गई। पार्टी की गुटबाजी भी जगह-जगह खुलकर सामने आई।