
Uttarakhand: उत्तराखंड में बीते छह सालों में 19 हजार 594 वनाग्नि की घटनाओं में 16 हजार 231 हेक्टेयर जंगल जल गया। इस तरह से हर साल 2700 हेक्टर जंगल खाक हो रहा है, जो एक बड़ी त्रासदी का संकेत है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में 2021 में पिछले 12 वर्षों में सर्वाधिक 2813 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गईं थीं। 2022 में इनमें कमी आई है। इस साल 2186 वनाग्नि की घटनाएं हुईं। इनमें दो लोगों की मौत हुई, जबकि सात लोग घायल हुए। बीते छह सालों में वनाग्नि की घटनाओं में सात लोगों की मौत हुई, जबकि 33 लोग घायल हुए।
वहीं 35 करोड़ 97 लाख तीन हजार 644 रुपये के नुकसान का आकलन किया गया। मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बताया कि जिन वर्षों में बारिश कम हुई, उन वर्षों में आग की घटनाएं भी बढ़ी हैं।