उत्तराखंड में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए बनेगी एकीकृत नीति

देहरादून: प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही विस्तृत एकीकृत नीति लाई जा रही है। इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण, इनकी खरीद और संचालन की व्यवस्था तय की जाएगी। परिवहन विभाग इसका खाका तैयार कर रहा है। जल्द ही इसे अनुमति के लिए कैबिनेट के सम्मुख प्रस्तुत किया जाएगा।
बुधवार को सदन में भाजपा विधायक डा मोहन बिष्ट ने इलेक्ट्रिक वाहनों का मसला उठाया। उन्होंने पूछा की र्इंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के दृष्टिगत इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने इसका जवाब देते हुए बताया कि इसके लिए औद्योगिक विकास विभाग ने पहले नीति बनाई थी। इसमें केवल वाहनों के विनिर्माण पर ही ध्यान केंद्रित किया गया था।
अब वाहनों के संचालन और इनकी खरीद आदि के विषयों को भी इसमें शामिल करते हुए एक ही नीति बनाई जाएगी। इसे जल्द ही कैबिनेट के सम्मुख रखा जाएगा।
परिवहन निगम को अभी तक 592 करोड़ का घाटा
उत्तराखंड परिवहन निगम को गठन के बाद से अब तक कुल 595 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस घाटे से उबरने के लिए निगम कई नई योजना बना रहा है। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह के सवाल का जवाब देते हुए परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने यह जानकारी दी।
राज्य सरकार ने परिवहन निगम को निश्शुल्क यात्रा, पर्वतीय मार्गों पर बस संचालन से हुई हानि, नई बसों के क्रय के लिए ऋण पर ब्याज और निगम कर्मियों के लंबित भुगतान के लिए प्रतिपूर्ति की है। अब निगम को सबल बनाया जा रहा है।
इसके लिए निगम की बसों में विज्ञापन, कोरियर सेवा, सीएनजी बसों का इस्तेमाल व भूमि से अतिरिक्त आय बढ़ाने के दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में निगम को विज्ञापन से तीन करोड़ और अनुबंधित की गई सीएनजी बसों से 1.5 करोड़ की आय हुई है।