
Dehradun: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का आरक्षण जारी होने के बाद सरगर्मियां बढ़ गई है। जी हां भाजपा हो या कांग्रेस या फिर बसपा हर कोई अपना अध्यक्ष बनाने की जुगत में है। संभावित दावेदार अभी से जोड़ तोड़ में लग गए हैं।
वहीं, भाजपा के पूर्व मंत्री और अन्य नेता अपना अध्यक्ष बनाने का दवा कर रही है। लेकिन भाजपा के लिए यह रास्ता इतना आसान भी नहीं होगा। आपको बता दे आज तक हरिद्वार में पंचायत की राजनीति में भाजपा के आठ से ज्यादा सदस्य नहीं जीते हैं। जबकि 2010 में भाजपा के सबसे अधिक जिला पंचायत सदस्य बने हैं।
कांग्रेस में सबसे अधिक 5 विधायक हैं। जबकि भाजपा के तीन बसपा के दो और एक निर्दलीय विधायक है। लेकिन पिछले बार भाजपा ने चार ही सदस्य में अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बना लिया था।