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बजट की पोटली में झलकी पलायन की चिंता, रोकथाम को किए गए कई प्रविधान

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विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड के गांवों से निरंतर हो रहे पलायन को थामने की चिंता भी धामी सरकार के पहले पूर्ण बजट में झलकी है। इसमें गांवों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है तो रिवर्स पलायन को प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया गया है।

आजीविका विकास, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा, गांवों में बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी समेत अन्य कई योजनाओं से जोडऩे को महत्व दिया गया है। यद्यपि, इन योजनाओं के लिए धनराशि अपेक्षाकृत कम है। माना जा रहा है कि भविष्य में सरकार इसमें वृद्धि करेगी।

पलायन एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया

उत्तराखंड में पलायन एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है। पलायन आयोग की रिपोर्ट बताती है कि छह हजार से ज्यादा गांवों से 1.18 लाख व्यक्तियों ने स्थायी रूप से पलायन किया है। 1702 गांव ऐसे हैं, जो पूरी तरह वीरान हो चुके हैं। यही नहीं, ऐसे गांवों की भी बड़ी संख्या है, जिनमें आबादी अंगुलियों में गिनने लायक रह गई है। पलायन का क्रम पर्वतीय क्षेत्र के गांवों से अधिक है। आयोग की रिपोर्ट के अनुसार मूलभूत सुविधाओं और रोजगार के अवसरों के अभाव में यहां के गांवों से मजबूरी में लोग पलायन कर रहे हैं।

धामी सरकार के बजट में न केवल पलायन की पीड़ा झलकी है, बल्कि इसे थामने को मजबूत इच्छाशक्ति से कदम बढ़ाने का इरादा जाहिर किया गया है। सरकार ने यह दर्शाने का प्रयास किया है कि गांव हमारी शक्ति व प्रेरणा के केंद्र हैं और इनकी खुशहाली लौटाने को वह अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं आने देगी। ऐसे में उम्मीद जगी है कि अब राज्य से पलायन की रोकथाम को प्रभावी ढंग से कदम उठेंगे और जड़ों को छोड़ चुके लोग वापस लौटेंगे। जाहिर है कि इससे गांवों की रौनक फिर से लौटेगी।

बजट में किए गए प्रविधान

  • नई सड़कों का निर्माण कर गांवों को शहर से जोड़ा जाएगा।
  • गांवों में पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधाएं होंगी सशक्त।
  • ग्रामीण आर्थिकी में परिवर्तन को बारहमासी संपर्क मार्ग व होम स्टे।
  • स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के तहत 75 गांवों को इंटरनेट कनेक्टिविटी।
  • मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना में 25 करोड़ का प्रविधान।
  • महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में 297.84 करोड़।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में 311.76 करोड़ की व्यवस्था।
  • राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 112.38 करोड़ का प्रविधान।
  • श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन में 34 करोड़।
  • राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत 30 करोड़ का प्रविधान।
  • महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तीकरण योजना में सात करोड़।
  • दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए 105.41 करोड़।
  • ग्रामीण क्षेत्रों के नजदीकी स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास।
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