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नरसंहार की एसआईटी जांच को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा ये

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जम्मू-कश्मीर में 1989 से 2003 के बीच हिंदुओं और सिखों की हत्याओं के नरसंहार की एसआईटी जांच को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार किया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वो पहले अपनी मांगों को लेकर सरकार के पास ज्ञापन दें.

आपको बता दें कि एनजीओ ‘वी द सिटिजन्स’ की ओर से दायर याचिका में आतंकवाद के दौर में कश्मीर छोड़कर देश कर दूसरे हिस्सों में जाकर बसने वाले हिन्दुओं और सिखों के पुर्नवास की मांग भी की गई थी.

याचिकाकर्ता के वकील की ये है दलील

आपको बता दें कि सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील बरुण कुमार सिन्हा की दलील दी कि आतंकवाद के इस दौर में कश्मीर में 1 लाख से ज़्यादा हिंदुओं की हत्या हुई है.

उन्होंने राहुल पण्डिता की पुस्तक ‘our moon has blood clots’ और जम्मू कश्मीर के गवर्नर रहे जगमोहन की किताब ‘My Frozen Turbulence in Kashmir’ का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों में जम्मू कश्मीर में हिंदू सिखों के नरसंहार, आगजनी और विस्थापन की घटनाओं का आंखों देखा हाल दर्ज किया गया है.

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