उत्तराखंड आ रहे पर्यटकों के लिए राहत भरी खबर, होटल व रेस्तरां में सर्विस चार्ज देना अनिवार्य नहीं

Dehradun :उत्तराखंड में अब होटल व रेस्तरां संचालक ग्राहकों को जीएसटी बिल के अलावा सर्विस चार्ज के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने राज्य कर विभाग की समीक्षा बैठक में इसके निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि होटल व रेस्तरां संचालक जीएसटी के अतिरिक्त सर्विस चार्ज वसूलते हैं तो यह न्यायोचित नहीं है। अगर किसी ने ऐसा किया तो सर्विस चार्ज व टिप पर कर चुकाना होगा।
वित्त मंत्री ने राज्य कर विभाग की समीक्षा की
शनिवार को वित्त मंत्री ने विधानसभा स्थित कार्यालय में राज्य कर विभाग की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ ही पर्यटन की दृष्टि से एक बड़ा केंद्र है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु व पर्यटक चारधाम के साथ ही अन्य धार्मिक व पर्यटन स्थलों में आते हैं। इस दौरान ये विभिन्न होटल व रेस्तरां की सेवाएं लेते हैं। देखने में यह आया है कि ये होटल व रेस्तरां इनसे जीएसटी के अलावा सर्विस चार्ज भी वसूलते हैं।
सर्विस चार्ज अथवा टिप देना पर्यटक के विवेक पर निर्भर
कई बार इसे टिप कहकर भी बिल में जोड़ लिया जाता है। यह प्रक्रिया बिल्कुल उचित नहीं है। सर्विस चार्ज अथवा टिप देना पर्यटक के विवेक पर निर्भर है। उन्हें इसे देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। उन्होंने आयुक्त राज्य कर को इसके लिए राज्य स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
उन्होंने स्थानीय नागरिकों के साथ ही पर्यटकों से भी अपील की है कि वे इस मामले में जागरूक रहें। इससे देवभूमि की छवि और बेहतर होगी और अधिक संख्या में पर्यटक आएंगे। वित्त मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को राजस्व बढ़ाने के भी निर्देश दिए। बैठक में आयुक्त राज्य कर इकबाल अहमद, अपर आयुक्त मुख्यालय विपिन चंद, अपर आयुक्त गढ़वाल मंडल अनिल सिंह, संयुक्त आयुक्त मुख्यालय अनुराग मिश्रा और उप आयुक्त मुख्यालय जगदीश सिंह उपस्थित थे।