
Uttarkhasi: उत्तरकाशी में रवाईंघाटी के आराध्य देव रुद्रेश्वर महाराज जयकारों की गूंज के साथ कंडाऊं गांव स्थित मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान हो गए। इस दौरान अपने आराध्य के दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पांच किमी की पैदल दूरी तय कर कंडाऊं पहुंचे।
यहां मंदिर परिसर में भक्तों ने देवता की पालकी के साथ नृत्य कर प्रसाद ग्रहण किया। मंगलवार को कंडाऊं मंदिर समिति की ओर से रुद्रेश्वर महाराज के मंदिर गर्भ गृह में विराजमान होने पर भंडारे का आयोजन किया। भंडारे से पूर्व देवता के पुजारी अमन सेमवाल ने श्रद्धालुओं को मूर्ति के अंतिम दर्शन करवाए। इससे पूर्व देवता की डोली ने एक माह तक भ्रमण कर 27 गांवों में रात्रि प्रवास किया।
आपको बता दें मंदिर समिति के अध्यक्ष फुलक सिंह राणा ने जानकारी देते हुए कहा कि देवता के देवलसारी, कंडाऊं, बजलाड़ी, तीयां चार थान हैं, जिनसे पैंसठ गांव की आस्था जुड़ी हुई है। प्रत्येक गांव में प्राचीन मंदिर हैं। इनमें बारी-बारी से एक वर्ष के लिए देवता की मूर्ति को भंडारे के साथ स्थापित किया जाता है।