जल्दी रिहा होंगे राजीव गांधी के हत्यारे, SC ने दिए सभी 6 दोषियों को छोड़ने के आदेश ….

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 11 नवंबर शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे नलिनी और आरपी रविचंद्रन समेत छह आरोपियों को रिहा करने का निर्देश दिया था. हत्यारे जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे थे. इससे पहले कोर्ट ने इस मामले के दोषी पेरारिवलन को भी इसी आधार पर रिहा किया था.
इससे पहले राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन ने अपनी समय से पहले रिहाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. नलिनी ने मद्रास हाई कोर्ट के 17 जून के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने उनकी जल्द रिहाई के लिए याचिका खारिज कर दी थी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए सह-दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था.
ये 6 दोषी होंगे रिहा
राजीव गांधी हत्याकांड में नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस को रिहा करने के आदेश दिया है. पेरारिवलन पहले ही इस मामले में रिहा हो चुके हैं.
31 साल पहले हुई थी राजीव गांधी की हत्या।
21 मई 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान तमिलनाडु में एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. उन्हें एक महिला ने माला पहनाई थी, सके बाद धमाका हो गया. इस हादसे में 18 लोगों की मौत हुई थी.
इस मामले में कुल 41 लोगों को आरोपी बनाया गया था. 12 लोगों की मौत हो चुकी थी और तीन फरार हो गए थे. बाकी 26 पकड़े गए थे. इसमें श्रीलंकाई और भारतीय नागरिक थे. फरार आरोपियों में प्रभाकरण, पोट्टू ओम्मान और अकीला थे. आरोपियों पर टाडा कानून के तहत कार्रवाई की गई. सात साल तक चली कानूनी कार्यवाही के बाद 28 जनवरी 1998 को टाडा कोर्ट ने हजार पन्नों का फैसला सुनाया. इसमें सभी 26 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई.

जो दोषी रिहा हुए, उनका क्या रोल था?
- मुरुगनः लिट्टे का खुफिया भेदिया था, जो शिवरासन के लिए काम करता था. इसी ने नलिनी के परिवार को भर्ती किया था.
- नलिनीः मुरुगन की पत्नी है. श्रीपेरंबुदुर तक हमलावर दस्ते के साथ रही थी. साल 2000 में मौत की सजा को बदल दिया गया था.
- संथनः हमलावर दस्ते का प्रमुख सदस्य था. श्रीपेरंबुदुर में कांग्रेस कार्यकर्ता बनकर छिपा रहा था. फरवरी 2014 में उसकी मौत की सजा को भी सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया.
- जयकुमार और रॉबर्ट पयासः लिट्टे के अहम लड़ाके थे. इन्हें साजिश में मदद करने के लिए तमिलनाडु भेजा गया था. 2000 में मौत की सजा को बदल दिया गया था.
- पी. रविचंद्रनः लिट्टे ने इसे ट्रेनिंग दी थी. साजिश में मदद करने के लिए भारत लौटा था. 1999 में मौत की सजा को बदल दिया गया था.
- एजी पेरारिवलनः लिट्टे के लिए काम करता था. इसी ने बेल्ट बम के लिए बैटरी खरीदी थी. इसी साल मई में रिहा हो चुका है.