वेदांता-फॉक्सकॉन प्रोजेक्ट: विवाद पर बोली शिंदे सरकार- PM ने महाराष्ट्र के लिए ऐसी ही परियोजना का किया है वादा

वेदांता और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन ने गुजरात में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले एफएबी विनिर्माण इकाई लगाने के लिए राज्य सरकार के साथ एमओयू पर मंगलवार को हस्ताक्षर किए हैं। इस खबर के बाद से महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में सरकार की आलोचना की खबरें भी सामने आई। कांग्रेस और राजठाकरे की पार्टी ने इसे लेकर सरकार की आलोचना की। इस बीच, बुधवार को राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया है कि महाराष्ट्र को भी इसी तरह की या इससे भी अच्छी परियोजना मिलेगी
उद्योग मंत्री उदय सामंत ने दिया ये बयान
राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने ठाणे में कहा कि गुजरात को परियोजना मिलने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री से बात की थी। बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने वेदांता-फॉक्सकॉन सेमी-कंडक्टर प्रोजेक्ट पर प्रधानमंत्री के सामने अपने विचार रखे। जिसके बाद पीएम ने आश्वासन दिया है कि इसी तरह की या बेहतर परियोजना महाराष्ट्र को दी जाएगी।
इस दौरान उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के लिए परियोजना को अंतिम रूप देने के लिए पिछले आठ महीनों से चर्चा चल रही थी और दावोस में भी बैठकें हुई थीं। उन्होंने कहा कि केंद्र और शिंदे सरकार बेरोजगारी के मुद्दों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।
महाराष्ट्र के लिए प्रस्तावित थी परियोजना
गौरतलब है कि इस परियोजना को पहले महाराष्ट्र में प्रस्तावित किया गया था, लेकिन वेदांता-फॉक्सकॉन ने गुजरात में इकाई लगाने को अंतिम रूप दिया और इसे लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। जिसके बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का खेल शुरू हो गया। शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने इस परियोजना को लगभग अंतिम रूप दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार ने संभावित निवेशकों का विश्वास खो दिया है।
विपक्ष ने लगाए थे आरोप
वहीं, महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेता बालासाहेब थोराट ने भी ट्वीट करके अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी। उन्होंने सवाल करते हुए लिखा कि ‘1.58 लाख करोड़ रुपये का फॉक्सकॉन का प्रोजेक्ट गुजरात क्यों गया? नई नौकरियां पैदा करने वाले प्रोजेक्ट गुजरात में क्यों लगाए जा रहे हैं? क्या महाराष्ट्र के युवा केवल दहीहांडी फोड़ने के लिए हैं? शिंदे-फडणवीस सरकार ने इसका विरोध क्यों नहीं किया?