
Haridwar: आज से श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहा है। अगले 15 दिन तक पितर यमलोक से आकाश पृथ्वी लोक पर निवास करते हैं। हिंदू चाहे दुनिया में किसी भी कोने में रहे। लेकिन श्राद्ध पक्ष में वह अपने देश दूल्हे पितरों को जरूर पूछते हैं। कहा जाता है कि जो इस पक्ष में पितरों को भूल जाता है या फिर उनके अंतिम कर्म विधि विधान से पूरे नहीं करता है। उससे उनके पित्र रुष्ट हो जाते हैं। ऐसे रुष्ठ पितरों को मनाने के लिए धरती पर तीन स्थान बताए गए हैं। पहला बद्रीनाथ धाम, दूसरा हरिद्वार में नारायणी शिला और तीसरा स्थान है गया जी।
जानें क्या है मान्यता
मान्यता है कि हरिद्वार में नारायणी शिला पर पितरों का तर्पण करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि पितृपक्ष में श्राद्ध कर्म के लिए यहां देशभर के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। इस स्थान से कई मान्यताएं और किंवदंतियां जुड़ी हुई है। देश ही विदेश से भी लोग यहां अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा करवाने आते हैं।
आपको बता दें कि, पुराणों में कहा गया है जब सूर्य कन्या राशि में आता है। तब श्राद्ध पक्ष शुरू होता है। इस ग्रह योग में पितरों पृथ्वी के सबसे करीब होता है। यह ग्रह योग अश्वनी कृष्ण पक्ष में बनता है। इसलिए पृथ्वी के सबसे निकट होने के कारण पत्र हमारे घर पर पहुंच जाते हैं।