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Somvati Amavasya 2022 : स्नान पर्व आज, हरिद्वार में लाखों श्रद्धालु लगाएंगे पुण्य की डुबकी

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Haridwar: सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं। साथ ही इन दिनों चारधाम यात्रा भी चल रही है। इसे लेकर हरिद्वार में लगातार श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ रही है।

लाखों श्रद्धालु लागाएंगे पुण्‍य की डुबकी

सोमवती अमावस्या का स्नान पर्व आज रविवार को है। जिसे लेकर तड़के से हरिद्वार के गंगा घाटों पर स्‍नान कर रहे हैं। वहीं संभावना जताई गई है कि आज हरिद्वार में लाखों श्रद्धालु पुण्‍य की डुबकी लागाएंगे। वहीं स्‍नान को लेकर जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। शहर भर में जाम की स्थिति है। वाहन रेंग-रेंग कर चलत रहे हैं। लोग घंटों जाम में फंसकर परेशान हो रहे हैं। स्नान को लेकर हरकी पैड़ी और अपर रोड पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मौजूद है।

मेला क्षेत्र को पांच सुपर जोन, 16 जोन और 39 सेक्टर में बांटा गया है। चारधाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक प्लान पहले ही जारी कर दिया गया था।

700 पुलिसकर्मी और छह कंपनी पीएससी तैनात

मेला क्षेत्र में अनुभवी अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। जो लोग स्नान के लिए नहीं आ रहे हैं, उन्हें दूसरे मार्ग से भेजा जाएगा। अलग-अलग जिलों से पुलिस फोर्स भी मंगवाई गई है। 700 पुलिसकर्मी और छह कंपनी पीएससी भी तैनात की गई है। एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार ने बताया कि 29 और 30 मई की सुबह से रात तक शहर में भारी वाहनों की नो एंट्री रहेगी।

सोमवती अमावस्या की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • अमावस्या तिथि आरंभ – 29 मई 2022 को दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से
  • अमावस्या तिथि समाप्त – 30 मई 2022 को शाम 04 बजकर 59 मिनट तक।
  • अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट से
  • ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 08 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट से

इस बार विशेष योग में सोमवती अमावस्या

सोमवार 30 मई को पूरे दिन अमावस्या है। ज्येष्ठ मास की सोमवती एवं कार्तिक मास की सोमवती बहुत ही पुण्यप्रद होती हैं। साथ में यदि सूर्य या चंद्र के नक्षत्र में हो तो और भी विशेष विशेष योग बन जाता है। इस बार 30 मई को सूर्य कृतिका नक्षत्र में होगा और चंद्र रोहिणी नक्षत्र भी होगा। इस दिन ही शनि देव का जन्मदिन भी मान्य होता है। इसलिए इस बार सोमवती अमावस्या विशेष पुण्यदायी है।

ज्योतिषाचार्य डा. प्रतीक मिश्र पुरी बताते हैं कि इस दिन पीपल के वृक्ष की सात परिक्रमा जलधारा से लगाने से शनि का दूषित प्रभाव समाप्त हो जाता है। इसी दिन यदि भगवान विष्णु-लक्ष्मी के निमित्त सूत के साथ परिक्रमा को जाए तो लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। जीवन भर अन्न-जल से घर भरा रहता है। इस दिन हरिद्वार में गंगा स्नान का विशेष महत्व है और यह बड़ा ही फलदाई है। इस दिन लोग भैरव की तंत्र साधना भी करते हैं।

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