
हल्द्वानी। उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के आदेश पर हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना है। लेकिन इस अतिक्रमण में एक घनी और बहुत पुरानी बस्ती को भी शुमार कर लिया गया है। जिसमें 60 हजार से ज्यादा आबादी है। हल्द्वानी जैसे छोटे से महानगर का यह बड़ा मामला इस समय देश-विदेश में सुर्खियां बटोर रहा है। 60 हजार से ज्यादा आबादी ध्वस्तीकरण से प्रभावित हो रही है जिसके विरोध में बनभूलपुरा की आवाम पिछले पांच दिन से सड़कों पर उतरी हुई है। आशियाना बचाने के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शनों के साथ ही सामुहिक दुआओं का भी आयोजन किया जा रहा है। इस पूरे मामले में राजनीति का भी जोरदार दखल है। कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दल इसमें फ्रंट फुट पर हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के दस नेताओं का एक डेलीगेशन हल्द्वानी के बनभूलपुरा में भेजा है। जिसमें सांसद, विधायक शामिल हैं। सपा के इस प्रतिनिधिमंडल ने आज हल्द्वानी के बनभूलपुरा प्रभावित इलाके का दौरा किया और लोगों से बात कर उनका दुख जाना।
मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन ने यहां मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यह जगह रेलवे के पास कहा से आई है, किससे ली है रेलवे ने यह जगह। सांसद एसटी हसन ने कहा कि लोग यहां पर 100 सालों से अधिक समय से रह रहे हैं। स्कूल कॉलेज, अस्पताल, बैंक, ट्यूबवैल समेत सरकारी सहूलियतें यहां पर लोगों को मुहैया कराई हैं मंदिर-मस्जिद हैं। हम सियासत की बात नही करना चाहते। इंसानों से बढ़कर नही है सियासत। सपा के प्रतिनिधिमंडल ने बनभूलपुरा में प्रभावित लोगों को यह आस बंधाई कि सुप्रीम कोर्ट में फैसला यहां की गरीब जनता के हक में आएगा ऐसी उम्मीद है। इस मौके पर सांसद एसटी हसन, विधायक अताउर रहमान, वीरपाल सिंह, एसके राय, अरशद खान, सपा के प्रदेश प्रभारी अब्दुल मतीन सिद्दीकी, प्रदेश प्रमुख महासचिव शुएब अहमद, उपाध्यक्ष सुरेश परिहार, कुलदीप सिंह भुल्लर, सुल्तान बेग समेत स्थानीय सपा नेता मौजूद रहे। उन्हें उम्मीद है कि देवभूमि के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जरूर अपने नागरिकों की सुरक्षा करेंगे ।