
Uttarakhand: उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी (UKSSSC)के पेपर लीक मामले में तमाम परतें खुलकर सामने आ रही हैं। नौकरियां बेचने वाले धंधेबाजों ने पूरा सिस्टम एक संस्था की तरह बनाया हुआ था।
आपको बता दें कि युवाओं से पेपर लीक कराने से लेकर ज्वाइनिंग तक का ठेका लिया जाता था। इस धंधेबाजी में हर किसी की अपनी अलग जिम्मेदारी होती है और हर जिम्मेदारी का अलग रेट।
15 लाख एक अभ्यर्थी से उगाही होती थी, जिसे अलग-अलग अनुपात में बांटा जाता था। एसटीएफ के खुलासों में गिरोह में सियासी, सरकारी और निजी संस्थाओं कर्मचारियों के शामिल होने की बात सामने आई है। कई प्रधान से लेकर अन्य जनप्रतिधि भी इसमें शामिल बताए गए हैं।
वहीं, युवाओं को परीक्षा में पास कराने का ठेका ऐसा व्यक्ति लेता था जो युवक का रिश्तेदार या करीबी हो। वहीं सरकारी कर्मचारी अपने पद की विश्वनीयता की दुहाई देकर युवाओं को आसानी से टारगेट बना लेते थे। एसटीएफ के मुताबिक सरकारी कर्मचारी अपने मार्जिन के लिए इनसे जुड़े। वहीं पेपर उपलब्ध कराने वाले, युवकों को पेपर याद कराने, ले जाने के ठेके होते।