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यह है एक ऐसा गांव, जहां लोग खाना भारत में बनाते लेकिन सोने दूसरे देश में जाते हैं

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देश के कुछ गांव को उनकी भौगोलिक स्थिति के चलते भारत के आखिरी गांव होने का दर्जा मिला है। जी हां ऐसा गांव आपको भारत के पहाड़ी राज्य उत्तराखंड से लेकर पूर्वोत्तर भारत में मिल जाएंगे। भले ही आप शहर में पैदा हुए हो लेकिन अपने आप परिजन या दोस्त या उनके गांव के बारे में जरूर सुनना होगा। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा देखा है कि खाना भारत के किचन में बनता है। लेकिन वह सोने दूसरे देश में जाते हैं। यह पढ़कर जरूर आप हैरान हुए होंगे‌ लेकिन ऐसा इसलिए होता है। क्योंकि यह गांव 2 देशों की सीमा पर है और यहां के लोग आज भी सदियों पुरानी परंपरा और मान्यता को जीते हैं और उसे मानते भी हैं।

ये हैं भारत का आखिरी गांव
भारत वह देश है जहां के लगभग हर गांव में आपको कुछ अलग रिवाज देखने को मिलेंगे। जैसे किसी में पुरुष ही खाना बनाते हैं और दूसरे गांव में कुछ लोग नियम और कानून है। यहां पर जिस गांव की बात कर रहे हैं उसका नाम है लोंगवा। यह सबसे अनोखा भारत का गांव है , जो भारत-म्यांमार दोनों देशों की सीमा पर स्थित है। यहां के लोग बिना किसी वीजा पासपोर्ट के इधर से उधर आते जाते हैं। यह गांव नागालैंड के मोन जिले में है, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में
आधा-आधा बांटा है, जिसे भारत का आखिरी गांव में कहते हैं।

जानें क्या है गांव की खासियत
आपको बता दें, अन्य गांव की तरह यह गांव भी अपने आप में प्राचीन और गौरवशाली इतिहास लेकर बैठा हुआ है। इस गांव के बारे में कहा जाता है कि यहां के लोग खाते भारत में है और सोने के लिए दूसरे देश में पहुंचते हैं। इस गांव का अलग-अलग हिस्सा होने की वजह से गांव के कुछ लोगों की रसोई भारत में है। लेकिन उनका सोना म्यांमार में होता है।

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