
Uttarakhand: खबर उत्तराखंड से है, जहां बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाने के मामले में राज्य की स्थिति खराब है। जी हां वर्तमान में राज्य में उत्पादित बिजली से दोगुनी बिजली की राज्य को जरूरत है लेकिन इस उपलब्धता को राज्य खुद अपने बूते पूरा करने की स्थिति में नहीं है।
वहीं, केन्द्र से मिलने वाले अंश और पॉवर एक्सचेंज के माध्यम से प्रदेश में डिमांड पूरी की जा रही है। लेकिन इसके बाद डिमांड पूरी करने के लिए प्रतिदिन औसतन छह मेगावाट अतिरिक्त बिजली की दरकार पड़ रही है।
आपको बता दें कि वर्ष 2011-12 में कुल बिजली का उत्पादन वर्षभर 5261.82 मिलियन यूनिट था, जबकि मांग 10571.10 थी। दस साल गुजर जाने के बाद भी यह अंतर कम नहीं हुआ है।