Uddhav vs Shinde: रावण, कटप्पा से गदर और गद्दार तक, जानें उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के भाषण की 10 बड़ी बातें

दशहरा के दिन मुंबई में दो रैलियां हुई। दोनों शिवसेना की दशहरा रैलियां थीं। शिवसेना के 56 साल के इतिहास में पहली बार दो दशहरा रैलियां हुईं। एक परंपरागत शिवाजी पार्क में तो दूसरी बीकेसी में। शिवाजी जी पार्क में उद्धव ठाकरे गरजे तो बीकेसी में एकनाथ शिंदे ने पलटवार किया।
1.पहली बार शिवसेना के नाम पर दो दशहरा रैलियां
19 जून 1966 को बाला साहेब ठाकरे ने शिवसेना का गठन किया। पार्टी के गठन के वक्त ठाकरे ने एलान किया कि शिवसेना की पहली रैली दशहरे के दिन होगी। बाला साहेब ठाकरे के एलान के मुताबिक उस साल दशहरे के दिन 30 अक्तूबर को दादर के शिवाजी पार्क में ये रैली हुई।
56 साल के इतिहास में ये पहला मौका था जब शिवसेना के दो गुटों की दो दशहरा रैलियां आयोजित की गईं। 1966 से हर साल शिवाजी पार्क में दशहरा रैली होती थी। इस बार शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे गुट की रैली हुई। वहीं, बीकेसी में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की रैली का आयोजन हुआ।
2. अमित शाह, फडणवीस और केंद्र पर भी बरसे उद्धव
उद्धव ठाकरे ने अपनी रैली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही उद्धव ने अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस और केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा और उसे सबक सिखाने के लिए मैंने कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन किया। उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा को गरीबी जैसे मुद्दों पर आइना दिखाने के लिए आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले को बधाई दी।
भाजपा पर भी निशाना साधते हुए उद्धव ने कहा, “देश तानाशाही और गुलामी की तरफ बढ़ रहा है, क्या आप लोग इसके लिए तैयार हैं?” उन्होंने कहा, ‘ बीजेपी गाय की बात तो करती है, लेकिन महंगाई की बात नहीं करती है।