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वाह ! यहां टपकती छत के नीचे होता है मरीजों का इलाज….

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Nainital :हल्द्वानी में मेडिकल कॉलेज में 25 करोड़ रुपये से अधिक की लागत में ऑडिटोरियम बन रहा है। टीबी चेस्ट रोग विभाग के पास 150 बेड का नया भवन करीब 47 करोड़ की लागत से तैयार हो रहा है। भारी भरकम राशि खर्च कर अस्थायी अस्पताल बना कर हटा दिया गया। पर मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अंतर्गत आने वाले रूरल और अर्बन सेंटर के भवनों की मरम्मत नहीं हो सकी। मरम्मत को लेकर एक दो नहीं बल्कि सात पत्र लिखे जा चुके हैं, कालेज प्रबंधन से आश्वासन भी मिले। पर हालात नहीं बदले हैं। जो स्थितियां हैं, उसमें लगता है कि बरसात में टपकती छत के नीचे ही रोगियों का इलाज हो सकेगा।

मेडिकल कालेज के अधीन सुशीला तिवारी अस्पताल के अलावा रोगियों के इलाज, क्षेत्र में बीमारी के बारे में जानकारी जुटाने समेत अन्य कार्यों के लिए कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के तहत पालीशीट अर्बन सेंटर और मोटाहल्दू में रूरल सेंटर खोला गया। इन जगहों पर डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, लिपिक, सोशल वर्कर समेत अन्य कर्मियों को तैनात किया गया।

पालीशीट का भवन जर्जर हो चुका
पालीशीट स्थित अर्बन हेल्थ ट्रेनिंग सेंटर चल रहा है, उसका भवन काफी जर्जर हो चुका है। भवन से लोहे की सरिया झांकने लगी हैं, इस भवन के गिरने का भय बना रहता है। बरसात के समय तो हालात और मुश्किल भरे हो जाते हैं। छत के टपकने से भवन में पानी भर जाता है, इससे रोगियों से लेकर चिकित्सा कर्मियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। भवन के दरवाजे भी गल चुके हैं। इमारत का रंग रोगन लंबे समय से नहीं हुआ है।
रूरल सेंटर का हाल भी खराब
मोटाहल्दू में बने रूरल सेंटर का हाल भी खराब है। भवन में लगे दरवाजे कई जगह उखड़ चुके हैं। इमारत की दीवारें सीलन से भरी हुई हैं। परिसर में लगा मुख्य गेट एक वाहन से टूट गया था, उसके बाद गेट लगाने का नौबत नहीं आयी है। मेडिकल स्टूडेंट के रहने के लिए हास्टल बनाया गया है, उसके हालत भी खराब है। हास्टल के फर्नीचर खराब हो चुके हैं, टॉयलेट की मरम्मत की जरूरत है। परिसर में एक बरसात में जल भराव की नौबत आ जाती है।

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